Monday, June 17, 2013

देखो





अपनी हस्ती उजाड़ कर देखो
गलती ये एक बार कर देखो

प्यार के खेल में मेरे दिलबर    
जीत क्या शय है हार कर देखो                             

हमने एक उम्र काट दी जैसे
तुम एक शब् गुजार कर देखो

लौट आउंगी फिर से पास  तेरे
दिल से मुझको पुकार कर देखो

फिर बुरा नज़र आएगा कोई 
खुद का चेहरा निखार कर देखो
                            (10/2/2010-अनु )




8 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (18-06-2013) के चर्चा मंच -1279 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  2. हमने एक उम्र काट दी जैसे
    तुम एक शब् गुजार कर देखो

    लौट आउंगी फिर से पास तेरे
    दिल से मुझको पुकार कर देखो---
    सुंदर भावपूर्ण प्रेम की अभिव्यक्ति.
    latest post पिता
    LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !

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  3. प्यार के खेल में मेरे दिलबर
    जीत क्या शय है हार कर देखो ...

    बहुत ही लाजवाब ... हार कर ही जीत का मजा है प्रेम में ...
    उम्दा शेर ...

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  4. बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर गजल ,,,

    आप भी फालो करें तो मुझे हादिक खुशी होगी,,,,

    RECENT POST : तड़प,

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  5. फिर बुरा नज़र न आएगा कोई
    खुद का चेहरा निखार कर देखो

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  6. aadmi aadmi aadmi ki bhir
    aadmi najar nhi aata....


    bas bhir bachi ab to.....

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  7. बहुत खुबसुरत लगा

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