Sunday, March 30, 2014

इससे पहले की दुनियाँ मुझे रुसवा कर दें

 

passion

इससे पहले की दुनियाँ मुझे रुसवा कर दें

तू मेरे जिस्म से मेरी रूह को फना कर दें

 

मुझको हर सिम्त अंधेरा ही नजर आता है

तू मेरी आँखों मे रोशनी का दरिया भर दें

 

ये जो हालत है मेरे ही बनाए हुये है मगर

मुझको वो इबादत दें जो मुझे जिंदा कर दें

 

                                               

Wednesday, March 12, 2014

फागुन

 

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फूलो के घेरे मे,तितलियों संग फेरे मे

बागन मे गलियन मे, मदमाती कलियन मे

आमो की बौर मे उलझाया सा मन

ऐसे फिज़ाओं मे फागुन रचा है

 

सरसों के रंग मे महुए की गंध मे

अपनो के संग मे बहती उमंग मे

गुनगुनी धुप मे बौराया सा मन

ऐसे हवाओं मे फागुन सजा है

 

गोरी के अंग मे केसरिया रंग मे

ढ़ोल और मृदंग मे गोपियों के संग मे

सूरत सलोनी के सतरंगी सपनों मे

ऐसे निगाहों मे फागुन बसा है