धुँआ धुँआ है जिंदगी,धुँआ धुँआ है समां
आँखों में छाई ऐसी नमी खो गया जहां
तुम ही कहो कैसे जिए ये चाक गिरेबा कैसे सीए
रहते है साथ साथ मगर , फासले है दरमियां
प्यारा ये चेहरा तेरा,तू धड़कन कि तमन्ना है
बस तुही रहे सामने चाहे छूट जाये ये कारवां
बेजान जिस्म, जख्मी रूह और दिल है परेशां
ऐसे में अब इस दिल को सब्र आएगा कहां
कैसे यकीं करू की सनम तुम हो बेवफा
अब ओर न लो तुम मेरे इश्क का इम्तहां