Thursday, June 24, 2010

बेरुखी सरे बज्म यूँ सह ना सकेगा दिल

बिन आपके तन्हा था तन्हा रहेगा दिल

माज़ी की वादियों में भटका करेगा दिल


 

फिर आपके बिन दुनिया कितनी है अधूरी

ऊमीदों के साये में धडका करेगा  दिल


 

ख़ामोशी की जंजीरें लगा ली है लबों पे

अब गुफ्तगू की खातिर तडपा करेगा दिल


 

है आप से मोहब्बत कितनी मुझे सनम  

बेरुखी सरे बज्म यूँ सह ना सकेगा दिल

Posted via email from धड़कन

Tuesday, June 22, 2010

सरसों का साग

ये टेस्ट पोस्ट है फोटो के साथ आसानी से पोस्ट करने के लिए पोस्टरस डॉट कोम का सहारा लिया गया है


ओ बल्ले बल्ले.....ते शावा शावा...होर बादशाओ हो जाये रोटी-शोटी ......तो चल पडो बादशाओ देर किस बात की......जी हां आज हम पंजाबी व्यंजन का मजा लेगे........पंजाब जिसका जिक्र आते ही वहाँ की खूबसूरत मुटियारे (लड़कियां) भांगड़ा करते जोशीले गबरू जवान, लोहड़ी ,टप्पे ,बैशाखी ,गिद्दा ,हरे भरे सरसों के खेत और नजाने क्या क्या याद आजाता है.........जैसे पंजाब के सोनी-महिवाल, हीर-रांझा और सस्सी-पनु ये लोक कथाएँ मशहूर है वैसे ही वहाँ का स्वाद.....तो चलिए आप को ले चलते है पंजाब की खास रसोई में वहाँ की देसी खुशबु और लाजवाब स्वाद में........

मक्के दी रोटी ते सरसों दा साग...........

सरसों का साग

सामग्री

1.       सरसों की पत्तियां –  एक किलो

2.       पालक –           दो सौ पचास ग्राम

3.       बथुआ –           सौ ग्राम(यदि मन हो)

4.       हरी मिर्च –         आठ

5.       प्याज –           दो(मध्यम आकार के)

6.       लहसुन –           आठ से दस कलियाँ

7.       अदरक –           एक इंच का टुकड़ा

8.       मक्की का आटा –   दो चम्मच

9.       लाल मिर्च पाउडर –  एक छोटा चम्मच

10.   तेल –             दो बड़े चम्मच

11.   नमक –           स्वादानुसार

12.   मक्खन            दो बड़े चम्मच

विधि

·         सरसों ,पालक ,बथुआ के पत्तों को धो कर मोटा मोटा काट लें

·         प्याज ,लहसुन ,अदरक को छीलकर बारिक काट लें

·         हरी मिर्च को मोटा मोटा काट लें

·         मक्की का आटा आधे कप पानी में घोल लें

·         एक पैन में तेल गर्म करें, कटा प्याज डाले और दो तीन मिनट चलायें

·         अब कटा अदरक, लहसुन,हरी मिर्च डाल कर थोडा चलायें

·         अब लाल मिर्च पाउडर, सरसों, पालक, बथुआ डाल दें

·         इस में आधा कप पानी मिलाएं और मध्यम आंच पर बीच बीच में चलाते हुए दस मिनट तक पकाएं

·         अब घोल हुआ मक्की का आटा मिलाएं और फिर छह सात मिनट तक चलाते हुआ पकाएं

·         अब इस मिश्रण को ठंडा कर के थोडा मोटा पीस लें

·         इस मिश्रण को फिर से गर्म कर के उसमे नमक और मक्खन डाले और अच्छी तरह चलायें

·         साग तैयार है इसे गर्म गर्म सर्व करे

Posted via email from स्वाद का सफ़र

Thursday, June 17, 2010

क्या करूं क्या करूं इश्क नादान है

दर्द है दिल में और दिल परेशान है

बस यही दर्द अब मेरी पहचान है

 

हम तेरी  आरजू में  फना होगये

मेरी चाहत से बस तू ही अनजान है

 

अपना जीना फकत एक एहसास है

जिस्म में  जिंदगी जैसे मेहमान है

 

हँसती रहती हूँ दिल को भी बहलाती हूँ

पर लबो की  हँसी भी तो  बेजान है

 

तुझ को चाहा मेरी बस यही है खता

क्या करूं क्या करूं  इश्क नादान है

 

मिल गई दिल लगाने कि हमको सजा

फिर इस बात से दिल क्यों हैरान है

 

हर सु फैली हुई है ये कैसी घुटन

बस इक ताजी हवा का ही अरमान है 

 

हर पल बिकता यहाँ ईमान है

कैसी दुनिया है ये कैसा इंसान है  

                             (अनु -12/6/2010)

Posted via email from धड़कन

Sunday, June 13, 2010

हम भी किस्मत का लिक्खा बदल डालते

तुम जो अपना नजरिया बदल डालते
हम भी किस्मत का लिक्खा बदल डालते 

साथ चलने को तेरे दिल राजी न होता
हम साथ चलने का फैसला बदल डालते

मौसमों की तुझे खबर भी ना मिलती
खौफ से घुटन के हम हवा बदल डालते

तुझ सा आता हमे जीने का गर हुनर
पता अपने मकां का हम बदल डालते

जिंदगी अपनी आसान हो जाती गर
हम जो हमारा मसला बदल डालते
                                (9/2/2010-अनु)

Posted via email from धड़कन