Monday, May 9, 2011

वक्त रहता कभी एक सा नहीं है




वक्त रहता कभी एक सा नहीं है
यहाँ मोहोबत करना आसां नहीं है

उनकी यादो का साया है साथ मेरे
क्या हुआ जो सर पर आसमां नहीं है

पीकर अक्सर बेअसुल हो जातेहो तुम
पर जानती हूँ मै,दिल तेरा शैतां नहीं है

खुदा की बख्स है चल रही है सांसे
वरना जीने का मुझको अरमां नहीं है

मेरी बर्बादियो का तुम गम ना करो
इस दिल में अब कोई तूफान नहीं है

Monday, May 2, 2011

तनहाइयों का सिलसिला ये कैसा है


तनहाइयों का सिलसिला ये कैसा है
गर वो मेरा है तो फासला ये कैसा है

तुम  न आओगे कभी ये मै जानती हूँ
फिर तेरी यादो का काफिला ये कैसा है

कभी नाचती थी खुशियाँ मेरे आंगन में
अब उदासियों का मरहला ये कैसा है 

देख लूँ उसको तो दिल को सुकूं आये
मुझे जान से प्यारा दिलजला ये कैसा है

एहसास हो जायेगा मेरे जज़्बात का तुझे
देख मेरी आँखों में ज़लज़ला ये कैसा है

न इश्क ही जीता और न दिल ही हारा
वफ़ा की राह में मेरा हौसला ये कैसा है

हौसला तुझमे भी नहीं है जुदा होने का
दूर हो कर भी भला मामला ये कैसा है