रिश्ता एक बुना था हमने
नयी डिजाइन, नए रंग में
पश्चिम जैसे नए ढंग में
कुछ उलटे कुछ सीधे फंदे
उलझे हुए शिकंजे फंदे
पर अनजाने बीच बीच में
कुछ फंदे जो छूट गए थे
या फिर धागे टूट गए थे
छेद दिखाई देते है,
(मतभेद दिखाई देते है)
जहाँ जहाँ टूटन जोड़ी थी
गांठें सी चुभती रहती है
Monday, December 14, 2009
रिश्ता एक बुना था हमने
Saturday, December 12, 2009
Saturday, December 5, 2009
सफर
कितने मुश्किल और तकलीफदेह होते है कुछ सफर जो कटते ही नही ,जेसे ,ख्वाब से हकीकत तक का सफ़र ,तमन्ना से दिल तक का सफ़र ,इस सफ़र में बदन चूर -चूर होजाता है मगर ख्वाहिशें दम नही तोडती ,दिल आखरी लम्हे तक बहुत खुशगुमान रहता है....... मोहब्बत करना मुश्किल और निभाना और भी ज्यादा मुश्किल........ मोहब्बत पाने की लगन लहू भरे समंदर में नहाने के बराबर है
ऐ खुदा ,तुने मोहब्बत ये बनाई क्यों है
गर बनाई तो मोहब्बत में जुदाई क्यों है
क्यों दिया प्यार मुझे इसकी जरूरत क्या थी
मेरी बरबादियों में तेरी हिमाकत क्या थी
मरी रहोमें तो खुशबू का सफ़र रहता था
दिल में आबाद गुलाबों का नगर रहता था
जिन्दगी काँटों भरे रस्ते पर लाई क्यों है
ऐ खुदा ,तुमे मोहब्बत बनाई क्यों है
ऐ खुदा ,तुने मोहब्बत ये बनाई क्यों है
गर बनाई तो मोहब्बत में जुदाई क्यों है
क्यों दिया प्यार मुझे इसकी जरूरत क्या थी
मेरी बरबादियों में तेरी हिमाकत क्या थी
मरी रहोमें तो खुशबू का सफ़र रहता था
दिल में आबाद गुलाबों का नगर रहता था
जिन्दगी काँटों भरे रस्ते पर लाई क्यों है
ऐ खुदा ,तुमे मोहब्बत बनाई क्यों है
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