Monday, April 29, 2013

इश्क




मै जानती हूँ लोगो की हकिकत सभी
ये जुबा है की कुछ भी कहती ही नहीं
 
दर्द है दिल में और दिल तडपता भी है
पर ये आंख है क्यों बरसती ही नहीं

दिल चाहता है सीने से लगलू तुझको 
पर करू क्या मुझे तुझपे यकीं ही नहीं
 
इश्क है और इश्क पे जाँ भी निसार
कमबख्त जाँ है की निकलती ही नहीं

Saturday, April 27, 2013

आया






कभी कभी ऐसा भी होता है कि अपना दुःख हर एक के दुःख से ज्यादा महसूस होता है कि बस ख़ामोशी से अपने अंदर उतरते हुए अँधेरे को महसूस करने का मन करता है .......

हमें जिंदगी जीने का सलीका ना आया
मगर जिंदगी ने हमे हर बार आजमाया

भूल चुके जब हम सब माज़ी के किस्से
दुश्मने जां फिर मेरा दिल दुखाने आया

था साथ उसके इक नया हमसफर
होकर पराया हमसे हमको जलाने आया