कभी कभी ऐसा भी होता है कि अपना
दुःख हर एक के दुःख से ज्यादा महसूस होता है कि बस ख़ामोशी से अपने अंदर उतरते हुए
अँधेरे को महसूस करने का मन करता है .......
हमें जिंदगी जीने का सलीका ना
आया
मगर जिंदगी ने हमे हर बार
आजमाया
भूल चुके जब हम सब माज़ी के
किस्से
दुश्मने जां फिर मेरा दिल
दुखाने आया
था साथ उसके इक नया हमसफर
होकर
पराया हमसे हमको जलाने आया
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
वाह ... बेहतरीन
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ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (28-04-2013) के चर्चा मंच 1228 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
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ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन १०१ नॉट आउट - जोहरा सहगल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबड़ा बेमुरव्वत है.......
ReplyDeleteसुन्दर रचना.
अनु
वाह!!!! लाजवाब
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
हमें जिंदगी जीने का सलीका ना आया
मगर जिंदगी ने हमे हर बार आजमाया------
वाकई जिन्दगी हरदम आजमाती ही है
सहज पर गहन अनुभूति
उत्कृष्ट प्रस्तुति
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
जीवन मैं आते हैं ऐसे लम्हे ओर उन्ही में यादें खुद-ब खुद आ जाती हैं ...
ReplyDeleteअर्थ पूर्ण ...