हर सिम्त मेरा दिल ये बेकरार न होता
हमदम अगरचे मुझे तुमसे प्यार न होता
कल अजनबी थे आज एक जान होँ जैसे
दोनों की अब तो एक ही पहचान हो जैसे
इतना हसीन तब तो ये संसार न होता
हमदम अगरचे मुझे तुमसे प्यार न होता
मेरी निगाहों मे तेरी तस्वीर बसी है
तुम ही खुशी हमारी तुमसे ही हंसी है
यूँ सुबहो शाम तेरा इन्तजार न होता
हमदम अगरचे मुझे तुमसे प्यार न होता
तुम आये मोहोब्बत से कायनात भर गयी
महके हुए जज्बातों की दुनिया संवर गयी
बिन तेरे चमन दिल का गुलज़ार ना होता
हमदम अगरचे मुझे तुमसे प्यार न होता
सुन्दर और कोमल रचना!!
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteएहसास की बहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबिन तेरे चमन गुलज़ार न होता
ReplyDeleteये मौसम की रौनक ना होती
खुशियों का अम्बार ना होता
एक प्यार ना होता तो कुछ ना होता ...
सुन्दर गीत ..!
कमाल की रचना
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी लगी
कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत खूब , बहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति !!
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