Thursday, June 24, 2010

बेरुखी सरे बज्म यूँ सह ना सकेगा दिल

बिन आपके तन्हा था तन्हा रहेगा दिल

माज़ी की वादियों में भटका करेगा दिल


 

फिर आपके बिन दुनिया कितनी है अधूरी

ऊमीदों के साये में धडका करेगा  दिल


 

ख़ामोशी की जंजीरें लगा ली है लबों पे

अब गुफ्तगू की खातिर तडपा करेगा दिल


 

है आप से मोहब्बत कितनी मुझे सनम  

बेरुखी सरे बज्म यूँ सह ना सकेगा दिल

Posted via email from धड़कन

6 comments:

  1. ओ साथी रे....... तेरे बिना भी क्या जीना.
    फूलों में कलियों में, खाबों की गलियों में तेरे बिना कुछ कहीं ना
    तेरे बिना भी क्या जीना.
    ;-P

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  2. ई का भौजी ! ई त वर्ड-वेरिफिकेशन काहे लिखवा रही हैं जी !
    आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
    आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
    इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
    उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
    आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
    और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ "टेक टब" (Tek Tub) पर.
    यदि फ़िर भी कोई समस्या हो तो यह लेख देखें -


    वर्ड वेरिफिकेशन क्या है और कैसे हटायें ?

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  3. सुन्दर,सशक्त रचना.........शुभकामनाएं।

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  4. है आप से मोहब्बत कितनी मुझे सनम
    बेरुखी सरे बज्म यूँ सह ना सकेगा दिल


    -बहुत बढ़िया!!

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  5. और भी एहसास, जो रहते हैं उम्र से,
    अल्फाज़ नहीं मिलते, कह ना सकेगा दिल ।

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  6. बिन आपके तन्हा था तन्हा रहेगा दिल

    माज़ी की वादियों में भटका करेगा दिल




    फिर आपके बिन दुनिया कितनी है अधूरी

    ऊमीदों के साये में धडका करेगा दिल


    bahut umda rachna
    padhke laga ki aapne mere bhavon ko bhi shabd de diya ho,,,

    see my blog also ..i hv also the same feeling,,link is
    http://tajinindia.blogspot.com

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