Monday, March 15, 2010

मेरी आँखों में है खुश्क पानी सुनो

उजड़े ख्वाबो की है एक कहानी सुनो
है जो हमको तुम्ही को सुनानी सुनो

जीत पर अपनी क्यों इतना मगरूर हो
हार हमने है खुद अपनी मानी सुनो

मुझको मालूम है बाद मरने मेरे
याद सबको हमारी है आनी सुनो

मुझसे छीनो ना मेरे दुखो को सनम
जिंदगी की यही है निशानी सुनो

आँख भर आई है मेरी तेरे लिए
मेरी आँखों में है खुश्क पानी सुनो

आज मिट्टी हुए सारे अरमाँ मेरे
खुद पे चादर ग़मों की है तानी सुनो
(9/2/2010-अनु)

Posted via email from धड़कन

1 comment:

यूँ चुप न रहिये ... कुछ तो कहिये