उजड़े ख्वाबो की है एक कहानी सुनो
है जो हमको तुम्ही को सुनानी सुनो
हार हमने है खुद अपनी मानी सुनो मुझको मालूम है बाद मरने मेरे
याद सबको हमारी है आनी सुनो मुझसे छीनो ना मेरे दुखो को सनम
जिंदगी की यही है निशानी सुनो आँख भर आई है मेरी तेरे लिए
मेरी आँखों में है खुश्क पानी सुनो आज मिट्टी हुए सारे अरमाँ मेरे
खुद पे चादर ग़मों की है तानी सुनो
(9/2/2010-अनु)
Posted via email from धड़कन
waah!
ReplyDeletebahut khoob!
chitr bhi kavita ka purak hai jaise!