फांस ये दिल से निकल जाए तो अच्छा होता
जिंदगी फिर से गुनगुनाये तो अच्छा होता
अब तो तनहाइयों की धूप से जलता है बदन
प्यार की छांव जो मिल जाए तो अच्छा होता
तमाम शब गुजर गई ग़मों की दरिया में
तीर कश्ती को जो मिल जाए तो अच्छा होता
कोई तो हो भी मेरी नीद की साजिश में शरीक
मेरे खवाबो की ताबीर बदल जाए तो अच्छा होता
(21/2/2010-अनु)
Posted via email from धड़कन
ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है!आपके विचार अच्छे लगे!मेरी शुभकामनायें..
ReplyDeleteवाह वाह - बहुत खूब
ReplyDelete"कोई तो हो भी मेरी नीद की साजिश में शरीक
मेरे खवाबो की ताबीर बदल जाए तो अच्छा होता"
बहुत अच्छा लिखा है आपने। बधाई।
ReplyDeleteएक मुफ्त की सलाह (मानना या न मानना आपकी मर्जी) -
जिन्दगी फिर से गुनगुनाये तो अचछा होता
की जगह एक बार
जिन्दगी फिर से गुल खिलाये तो अचछा होता
करके देखें और विचार करें।
उम्मीद है अन्यथा नहीं लेंगे।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
अब तो तनहाइयों की धूप से जलता है बदन
ReplyDeleteप्यार की छांव जो मिल जाए तो अच्छा होता
panktiyan to bahut sundar hei
तमाम शब गुजर गई ग़मों की दरिया में
ReplyDeleteतीर कश्ती को जो मिल जाए तो अच्छा होता
Bahut achha likhte hain aap!
फांस ये दिल से निकल जाए तो अच्छा होता
ReplyDeleteजिंदगी फिर से गुनगुनाये तो अच्छा होता
Sundar chitr aur utneehee sundar rachana!
अनु जी...!
ReplyDeleteआपकी इन खूबसूरत कवितायों के साथ आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है....कवितायों के साथ तस्वीरों का चुनाव भी अच्छा है...लगे रहिये....!
प्यार कुछ और रुलाये तो अच्छा होगा,
दर्द कुछ और तडपाये तो अच्छा होगा..!
क्यूंकि....
मोहब्बत करने वाले गम से घबराया नहीं करते....!
.....कवि मन जितना तडपेगा...उसकी कविता का सकूं और मिठास उतने ही बाद जायेंगे..!
हाँ एक बात और...कृपया वर्ड वैरिफिकेशन को हटा दीजिये...इसे हटाना जितना आसान है...भरना बहुत मुश्किल....!
सुंदर लाइनें ,अच्छी रचना ।
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
कोई तो हो भी मेरी नीद की साजिश में शरीक
ReplyDeleteमेरे खवाबो की ताबीर बदल जाए तो अच्छा होता
खूबसूरत शब्दों में कोमल भावनाओं की अभिव्यक्ति। उम्मीद है आगे भी लिखती रहेंगी। शुभकामनायें।
रात नींद में अब सपने नहीं आते
ReplyDeleteसपने में वो आ जाये तो अच्छा होता
great effort
ReplyDeleteExcellent literary expression.Go ahead.
ReplyDeletewaw! v.well written. keep it up.
ReplyDelete[उल्टा तीर]
बहुत अच्छा लिखा है आपने। बधाई।
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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