अनु जी,सुभानाल्लाह.....बहुत गहरे...बड़ा दर्द है .....एक साथ दो गजलों का तोहफा अच्छा लगा |
gd mrng --अनु जी , लगता है आपने अपने दिल को जख्मो का समुन्दर बना रखा है बहुत अछे से पेस किया है दिल के जख्मो को
यूँ चुप न रहिये ... कुछ तो कहिये
अनु जी,
ReplyDeleteसुभानाल्लाह.....बहुत गहरे...बड़ा दर्द है .....एक साथ दो गजलों का तोहफा अच्छा लगा |
gd mrng --अनु जी ,
ReplyDeleteलगता है आपने अपने दिल को जख्मो का समुन्दर बना रखा है
बहुत अछे से पेस किया है दिल के जख्मो को