Tuesday, April 12, 2011

मेरी आँखों में है खुश्क पानी सुनो ....








उजड़े ख्वाबो की है एक कहानी सुनो 


है जो हमको तुम्ही को सुनानी सुनो




जीत पर अपनी क्यों इतना मगरूर हो

हार हमने है खुद अपनी मानी सुनो




मुझको मालूम है बाद मरने मेरे

याद सबको हमारी है आनी सुनो




मुझसे छीनो ना मेरे दुखो को सनम

जिंदगी की यही है निशानी सुनो




आँख भर आई है मेरी तेरे लिए

मेरी आँखों में है खुश्क पानी सुनो




आज मिट्टी हुए सारे अरमाँ मेरे

खुद पे चादर ग़मों की है तानी सुनो 

13 comments:

  1. क्या बात है Anu G जन्नत ही लुट ली आपके शब्दों ने

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  2. यह पीड़ा अपने आयाम ख़ुद चुनेगी...

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  3. बेहतरीन,
    बहती कहानी सुनो।

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  4. अनु जी,

    शानदार ग़ज़ल है .......शेर बढ़िया लगे.....

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  5. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

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  6. क्या बात है...बहुत सुंदर...शब्द कम पड़ रहे है......बेहतरीन....अनूठा भाव।

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  7. जीत पर अपनी क्यों इतना मगरूर हो
    हार हमने है खुद अपनी मानी सुनो
    क्या बात है,बहुत सुंदर...

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  8. अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....

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  9. सभी रचनाएं बहुत अच्छी लगीं...
    आपके पास शब्द और भावनाओं का ख़ज़ाना है.

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  10. kya baat hai..........bahut sundar ....kamaal ki likhti hai aap....badhai

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  11. आज मिट्टी हुए सारे अरमाँ मेरे
    खुद पे चादर ग़मों की है तानी सुनो ...

    Bahut gahri baat hai is sher mein ... lajawaab ..

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