फूलो के घेरे मे,तितलियों संग फेरे मे
बागन मे गलियन मे, मदमाती कलियन मे
आमो की बौर मे उलझाया सा मन
ऐसे फिज़ाओं मे फागुन रचा है
सरसों के रंग मे महुए की गंध मे
अपनो के संग मे बहती उमंग मे
गुनगुनी धुप मे बौराया सा मन
ऐसे हवाओं मे फागुन सजा है
गोरी के अंग मे केसरिया रंग मे
ढ़ोल और मृदंग मे गोपियों के संग मे
सूरत सलोनी के सतरंगी सपनों मे
ऐसे निगाहों मे फागुन बसा है
बहुत उम्दा प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST - फिर से होली आई.
happy holi...
ReplyDeleteफाग के रंग में रंगी सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteबधाई होली कि ...