दिल से मेरे लिपटा वो किसी राज की सूरत
वो शख्स जिसे मेरा कभी होना नहीं है
इश्को मोहोब्बतों के है किस्से बड़े अजीब
पाना भी नहीं है उसे खोना भी नहीं है
समझेगा मुझे पागल हर देखने वाला
चहरे से कुछ बयान तो होना ही नहीं है
हम उनको बुलाने का तकाजा नहीं करते
इंकार मगर उनसे होना भी नहीं है
(11/2/2010-अनु)
Posted via email from धड़कन
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