अपनी हस्ती उजाड़ कर देखो
गलती ये एक बार कर देखो
प्यार के खेल में मेरे दिलबर
जीत क्या शय है हार कर देखो
हमने एक उम्र काट दी जैसे
तुम एक शब् गुजार कर देखो
लौट आउंगी फिर से पास तेरे
दिल से मुझको पुकार कर देखो
फिर बुरा नज़र न आएगा कोई
खुद का चेहरा निखार कर देखो
(10/2/2010-अनु )
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (18-06-2013) के चर्चा मंच -1279 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteहमने एक उम्र काट दी जैसे
ReplyDeleteतुम एक शब् गुजार कर देखो
लौट आउंगी फिर से पास तेरे
दिल से मुझको पुकार कर देखो---
सुंदर भावपूर्ण प्रेम की अभिव्यक्ति.
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प्यार के खेल में मेरे दिलबर
ReplyDeleteजीत क्या शय है हार कर देखो ...
बहुत ही लाजवाब ... हार कर ही जीत का मजा है प्रेम में ...
उम्दा शेर ...
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर गजल ,,,
ReplyDeleteआप भी फालो करें तो मुझे हादिक खुशी होगी,,,,
RECENT POST : तड़प,
very nice...
ReplyDeleteफिर बुरा नज़र न आएगा कोई
ReplyDeleteखुद का चेहरा निखार कर देखो
aadmi aadmi aadmi ki bhir
ReplyDeleteaadmi najar nhi aata....
bas bhir bachi ab to.....
बहुत खुबसुरत लगा
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