Tuesday, September 7, 2010

दिल कुछ इस तरह जलाये जाते है


दिल के रिश्ते जो आजमाए जाते है
गम जिंदगी के फिर रुलाये जाते है

शमा के साथ परवाना भी जलता है
साथ  क्या  यूँ भी  निभाए  जाते है

टूट कर  बिखरे  अरमानो की तरह
बेसबब  हम  अश्क  बहाए जाते है

बुझती ही नहीं इश्क की आग यारा
दिल कुछ इस तरह जलाये जाते है

दिल रोता ही रहा तेरी बेवफाई पर
हम उल्फत में जख्म खाए जाते है

संगदिल है वो मगर रोयेगा जरूर
दर्द मेरे उसको भी तडपाये जाते है





2 comments:

  1. संगदिल है वो मगर रोयेगा जरूर
    दर्द मेरे उसको भी तडपाये जाते है....

    सबसे बेहतरीन और धारदार .....बस अपने ख्यालों को यूँ ही लफ्जों में हर्फ़-दर-हर्फ़ बयान करते रहिये...

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यूँ चुप न रहिये ... कुछ तो कहिये